मै बंद मुठ्टी करता हूँ ...
उसे थाम लेने की हसरतो से..
वो रेत सी फिसलती जाती है..
बंद हाथो की उन चंद लकीरों से..
उसे थाम लेने की हसरतो से..
वो रेत सी फिसलती जाती है..
बंद हाथो की उन चंद लकीरों से..
SMS, Shayari, Love Shayari, Festival SMS, Sad Shayari, Funny SMS, Gujarati Suvichar, Gujju Jocks and Many more
No comments:
Post a Comment