सांई चरणों में झुका रहे मेरा यह शीश
सांई मेरे प्राण हैं और सांई ही मेरे ईश
भेदभाव से दूर रहूँ,शुद्ध हो मेरे विचार
सांई ज्ञान की जीवन में बहती रहे ब्यार...
साईं नही कहते मुझे चांदी या सोने के सिंघासन पर बिठाओ
वो तो कहते हैं मन में श्रद्धा सबुरी रखो
फिर अपने साईं को बुलाओ !!!
सांई मेरे प्राण हैं और सांई ही मेरे ईश
भेदभाव से दूर रहूँ,शुद्ध हो मेरे विचार
सांई ज्ञान की जीवन में बहती रहे ब्यार...
साईं नही कहते मुझे चांदी या सोने के सिंघासन पर बिठाओ
वो तो कहते हैं मन में श्रद्धा सबुरी रखो
फिर अपने साईं को बुलाओ !!!
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